तुम डबरे हम सागर
तुलना करना साहस का काम है। प्रेम में अपना सबसे सुंदर, विलक्षण और अद्वितीय ही लगता है। वह अद्वितीय तो खैर होता ही है क्योंकि एक जैसा एक ही...
तुम डबरे हम सागर
उम्मीद की फ्रेंचाइजी नहीं बिकती
लोकतंत्र की घर वापसी
सुविधा का सेंसर, इस्तीफे की लीला
बाजार ध्वस्त पीके मस्त
एक भूमिका, कुछ अफसाने
महापुरुषों का मार्केट
सौ करोड़ के शहंशाह, भगवान और एक अदद रेडियो
लीडर ऐसा चाहिए
सत्यार्थी का हिंदू, मलाला का मुसलमान
हिंदी के मुहल्ले में कवि और आदमी
मेरी तस्वीर लेकर तुम क्या करोगे?
फुल पेज लज्जा
घीसू एक किताब लिखना चाहता है
हाफिज सईद बड़े काम की चीज है
और भी गम हैं जमाने में एक कॉलम के सिवा
बजट से पहले हलुआ
अच्छे दिन एक्सप्रेस में लटका हुआ कवि
विकल्प की लेबोरेटरी
जाओ तो इस तरह कि जीवनी में न जाओ!