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Yashwant Vyas
Nov 2, 20143 min read
लीडर ऐसा चाहिए
कवि मार्गदर्शक मंडलों के दौर में पार्टियों से परेशान हो गया है। देश विचित्र समस्याओं से गुजर रहा है। महाराष्ट्र में सब कुछ जानते हुए भी...
Yashwant Vyas
Oct 12, 20143 min read
सत्यार्थी का हिंदू, मलाला का मुसलमान
अच्छे कामों की भी कोई जात होती है? बुरे कामों का संप्रदाय-धर्म होता है कि नहीं, यह तो वे बताते रहते हैं, जो धार्मिक आतंकवाद का वैश्विक...
Yashwant Vyas
Sep 13, 20144 min read
हिंदी के मुहल्ले में कवि और आदमी
हिंदी के कवि ने मुहल्ले के नल पर पानी भरती लड़कियों पर एक कविता लिखी। फिर उसे छपवाकर मंडली में काफी वाहवाही पाई। उसकी अब इच्छा थी कि नल...
Yashwant Vyas
Aug 23, 20143 min read
मेरी तस्वीर लेकर तुम क्या करोगे?
अभी जब सुलावेसी-इंडोनेशिया के एक बंदर के साथ यह गुजरी तो बंदरों के बीच उसकी चाहे जो प्रतिक्रिया रही हो, आदमियों की नीयत जरा और खुल गई।...
Yashwant Vyas
Aug 9, 20143 min read
फुल पेज लज्जा
‘यह तो सबसे खराब समय है। सब डरे हुए हैं। इतना डरा हुआ आदमी मैंने पहले कभी नहीं देखा। सबकी कमान हाथ में है। कोई कुछ कर ही नहीं पा रहा है।...
Yashwant Vyas
Aug 2, 20143 min read
घीसू एक किताब लिखना चाहता है
लेकिन कल के बाद घीसू अचानक बदल गया। उसने तय किया है कि वह अब किताब लिखेगा। ‘तुम अपनी किताब में क्या लिखोगे? न तुम सोनिया गांधी के...
Yashwant Vyas
Jul 19, 20144 min read
हाफिज सईद बड़े काम की चीज है
एक पान वाले मित्र हैं। उनके यहां कई तस्वीरें लटकी हुई हैं। कोई मशहूर आदमी उधर से गुजरा नहीं कि तस्वीर खिंची और दुकान पर टंग गई। फलां...
Yashwant Vyas
Jul 12, 20143 min read
और भी गम हैं जमाने में एक कॉलम के सिवा
हर रविवार जब ‘नमस्कार’ के लिए लिखने बैठता हूं तो लगता है, आज लिखना मुश्किल होगा। जो वजहें होती हैं, पहली क्या लिखें? दूसरी – क्या न...
Yashwant Vyas
Jul 6, 20144 min read
बजट से पहले हलुआ
मिठास की मारी मुस्कराहट उस मुस्कराहट से अलग होती है, जो मिठास से जिलाए जाने पर आती है। तस्वीर के कैप्शन से पता चलता है कि यह परंपरा का...
Yashwant Vyas
Jun 22, 20143 min read
अच्छे दिन एक्सप्रेस में लटका हुआ कवि
जनपथ से अच्छे दिनों को भोगकर कवि राजपथ होता हुआ उस स्टेशन की तरफ निकल गया, जिधर से उम्मीद थी कि अब नए वाले अच्छे दिनों की सुपरफास्ट...
Yashwant Vyas
Jun 9, 20143 min read
विकल्प की लेबोरेटरी
वे हंस रहे थे। हंस-हंसकर तर्क फेंक रहे थे। बीच में गंभीर होकर लोहिया से लेकर अन्ना हजारे तक पर मुहावरे गढ़ने बैठ जाते थे। उन्हें गांधी,...
Yashwant Vyas
Jun 1, 20144 min read
जाओ तो इस तरह कि जीवनी में न जाओ!
नरेंद्र मोदी ने एक और गलत काम किया है। उन्होंने अपने जिम्मेदार प्रेमियों को कहा है कि उनकी जीवनियां कोर्स में पढ़वाने का इरादा छोड़...
Yashwant Vyas
May 25, 20143 min read
खोई हुई जमीन के ब्रोकर
पता चला कि कांग्रेस ने अपनी जमीन खो दी। कुछ विश्लेषक कह रहे थे, हमने पहले ही कहा था कि जमीन खिसक रही है पर कोई सुनने को तैयार नहीं था।...
Yashwant Vyas
Apr 29, 20143 min read
आसमान की पतन समस्या
कोई भी चीज गिरे, जैसे नैतिक मूल्य या हाथ का कप, आवाज तो होती ही है। कुछ लोगों की नैतिकता कप की शक्ल में होती है, कुछ का मूल्य ही कप होता...
Yashwant Vyas
Apr 14, 20143 min read
… और अंत में जशोदा बेन
अब यही बचा था। जो बात सब जानते हैं, वह बात कब, कैसे जाननी चाहिए, यह दिखाने के लिए बहस के औजार निर्मित करना बहुत बड़ा व्यवसाय है। राजनीति...
Yashwant Vyas
Apr 6, 20144 min read
चुनाव के धंधे में एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
चुनाव के धंधे में दो या तीन काम बहुत मुस्तैदी से होते हैं। पहला सर्वे, दूसरा ग्राउंड रिपोर्ट और तीसरा बहस। बहस करने के लिए लगातार वाक्य...
Yashwant Vyas
Mar 30, 20144 min read
मीडिया की मल्टीस्टोरी
चुनाव का वक्त है। एक धनबली से मुलाकात हुई। उनकी जबर्दस्त इच्छा हो रही थी कि मीडिया के धंधे में उतर जाएं। उनका अनुभव कहता था कि चुनाव के...
Yashwant Vyas
Mar 2, 20143 min read
चुनाव की पूर्व संध्या पर चिढ़ा कवि
कवि को दंगे प्रिय हैं। इससे वह दंगे के विरुद्ध चार मीटर लंबी कविता लिख सकता है और उससे भी दस गुना बड़ा हस्ताक्षरित बयान जारी कर सकता है।...
Yashwant Vyas
Feb 23, 20143 min read
किस खिड़की से कितनी बार…
जहां तक मुझे पता है, लोग खिड़कियों के नाम से काफी भावुक रहते हैं। खिड़कियां खोल देने और एक से दूसरी तरफ हवा चले जाने की प्रतीक्षा में कई...
Yashwant Vyas
Feb 9, 20144 min read
प्रमाण का निर्माण
इतने दिनों सरकारी खर्चे से देश को बताना पड़ रहा है कि प्रमाण देखो। हिंदुस्तानी हुक्मरान इतने बुरे वक्त से पहली बार गुजरे जब निर्माण करके...
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